भीतर परमेश्वर के प्रेम के लक्षण (भाग 2)
परमेश्वर का प्रेम भाग 2 1 कुरिन्थियों 13:1-4 "1 यद्यपि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की अन्य भाषा बोलता हूं, और परोपकार नहीं करता, तौभी मैं ठनठनाता हुआ पीतल, या झनझनाती हुई झांझ जैसा हूं। 2 और यद्यपि मुझे भविष्यद्वाणी करने का वरदान मिला है, और मैं सब भेदों, और सब प्रकार के ज्ञान को समझता हूं; और हालांकि मुझे पूरा विश्वास है, इसलिए… अधिक पढ़ें